BREAKING NEWS

    राष्ट्रपति बनते ही इतिहास रचेंगी द्रौपदी मुर्मू, दर्ज होंगे उनके नाम ये रिकॉर्ड 

    नई दिल्ली । केंद्र की मोदी सरकार ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाकर सभी को चौंका दिया है। क्योंकि इस पद के लिए द्रौपदी मुर्मू का नाम ऐसा है, जिसके बारे में शायद ही किसी को खयाल आया हो। द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को संसद भवन पहुंचकर राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन दाखिल किया। इस दौरान बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित बीजेपी के कई बड़े नेता मौजूद थे। राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू के विरोध में विपक्ष की ओर से उम्मीदवार यशवंत सिन्हा हैं। हालांकि केंद्र में बहुमत और कई राज्य सरकारों की तरफ से समर्थन मिलने के बाद द्रौपदी मुर्मू की जीत तय मानी जा रही है। अगर द्रौपदी मुर्मू देश की अगली राष्ट्रपति बन जाती हैं, तब वह एक साथ कई कीर्तमान स्थापित करेंगी। द्रौपदी मुर्मू अगर देश की अगली राष्ट्रपति बनती हैं, तब वह भारत की अब तक की सबसे युवा राष्ट्रपति होंगी। द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को हुआ था। वे 64 साल की हैं। 25 जुलाई को जब वे राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगी तब उनकी उम्र 64 साल, 1 महीना, 8 दिन होगी। द्रौपदी मुर्मू से पहले देश के सबसे युवा राष्ट्रपति का रिकॉर्ड नीलम संजीव रेड्डी के नाम था, जो कि 1977 में निर्विरोध रूप से चुने गए थे। उन्होंने जब राष्ट्रपति पद ग्रहण किया तब उनकी उम्र 64 साल, 2 महीने, 6 दिन थी। 

    द्रौपदी मुर्मू होंगी पहली आदिवासी नेता राष्ट्रपति
    राष्ट्रपति पद संभालते ही द्रौपदी एक और कीर्तमान अपने नाम करेंगी। देश के इस संवैधानिक पद पर कभी भी आदिवासी समुदाय का कोई नेता नहीं आ सका। द्रौपदी मुर्मू एक आदिवासी नेता हैं। देश को इस समुदाय से अभी तक न तो कोई प्रधानमंत्री मिला और न ही कोई राष्ट्रपति। अगर मुर्मू चुनाव जीत जाती हैं, तब वे पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति का कीर्तमान स्थापित करेंगी। बता दें कि मुर्मू इससे पहले 2015 से 2021 तक झारखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं। 

    देश को मिलेगा आजाद भारत में पैदा होने वाला पहला राष्ट्रपति
    द्रौपदी देश की पहली ऐसी राष्ट्रपति होंगी जिन्होंने आजाद भारत में जन्म लिया है। देश में अभी तक राष्ट्रपति के संवैधानिक पद पर बैठने वाले सभी लोगों ने 1947 से पहले जन्म लिया था। मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का भी जन्म 1 अक्टूबर 1945 में हुआ था। बता दें कि 2014 तक देश के दो शीर्ष पद राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री में काबिज होने वाले नेताओं का जन्म 1947 से पहले हुआ था। 

    पहला पार्षद जो राष्ट्रपति के पद पर होगा आसीन
    अगर मुर्मू राष्ट्रपति के पद पर पहुंचती हैं, तब देश में यह पहली बार होगा कि जिसने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत पार्षदसे की और अब वह देश के सबसे बड़े संवैधानिक पद पर काबिज होंगी। द्रौपदी मुर्मू ने एक शिक्षिका के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी, लेकिन उनका राजनीतिक सफर 1997 में पार्षद बनने से शुरू हुआ था। इसके 3 साल बाद वहां पहली बार विधायक बनीं। 

    राष्ट्रपति देने वाले राज्यों में शुमार हुआ ओडिशा
    ओडिशा से देश को अभी तक एक भी राष्ट्रपति नहीं मिला था। अगर द्रौपदी मुर्मू देश की अगली राष्ट्रपति बन जाती हैं, तब ओडिशा से इस पद पर पहुंचने वाली वह पहली नेता होंगी। देश के संवैधानिक पद पर ज्यादातर दक्षिण भारत के नेताओं का कब्जा रहा है। देश के अब तक 14 राष्ट्रपतियों में से 7 राष्ट्रपति दक्षिण भारत से संबंध रखते थे। 


    About us

    Welcome to ProgressiveMind News, your one-stop destination for daily news across all verticals. Stay updated with the latest happenings in politics, technology, entertainment, health, and more. We provide unbiased, reliable, and comprehensive news to keep you informed and enlightened.


    CONTACT US